Wednesday, August 7, 2013

फिर एक बार आखिर कब तक

फिर एक बार 
सीमा का अतिक्रमण 
फिर एक बार पड़ोसी  देश की कायराना हरकत 
फिर एक बार हमारे सैनिकों की  शहादत 
फिर से पक्ष बिपक्ष का हंगामा 
फिर से आँकड़ों की बाजीगरी का खेल 
फिर से एक बार 
घटना की निंदा करने बाले बयानों की बहार 
फिर से 
भारत माता के सच्चे पुत्र की मौत 
यानि 
माता  पिता का पुत्र खोना 
बेटी का पिता खोना 
बहन का भाई खोना 
पत्नी का सब कुछ खोना 
फिर एक बार जिंदगी की कीमत मुआबजे से लगाना 
फिर एक बार 
आखिर कब तक

प्रस्तुति:
मदन मोहन सक्सेना